क्रिकेट भूख है, प्यास है, क्रिकेट सांस है, क्रिकेट के बिन सब सून है। बचपन से ही इस खेल से लगाव रहा। सपना तो क्रिकेटर बनने का था। लेकिन कभी क्रिकेट में अच्छा खिलाड़ी नहीं बन सका। जब क्रिकेट के खेल में खिलाड़ी के रूप में फ्लॉप रहा तो...थाम लिया कलम, और क्रिकेट में एक अच्छे लेखक, कमेंटेटर और एक विश्लेषक बनने के सफर पर चल पड़ा। आज इसमें खुद को हर दिन बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत हूं। फेवरेट खिलाड़ी वीरेंद्र सहवाग हैं, उनके संन्यास के बाद उन्हें आज तक मिस करता हूं। वहीं मेरे लिए आज इस सफर में स्टार क्रिकेट प्रेजेंटेटर जतिन सप्रू सर सच्ची प्रेरणा और आदर्श हैं। मेरे लिए वो गुरु द्रोणा से कम नहीं हैं और उन्हें देखकर एकलव्य जैसा बनने की चाहत है। मैं राजस्थान के एक खूबसूरत छोटे से जिले बांसवाड़ा से नाता रखता हूं।
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