द्रविड़ के खिलाफ हुए Ravi Shastri.. राहुल ने की थी विदेश लीग में खेलने की वकालत, पूर्व हेड कोच बोले- क्या जरूरत है

टीम इंडिया को टी20 विश्व कप के सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा था। जिसके परिणामस्वरूप टीम इंडिया का ट्रॉफी के लिए इंतजार और लंबा हो गया। टीम इंडिया के विश्व कप नहीं जीत पाने के कारण खेलप्रेमी काफी निराश हैं। खेल विशेषज्ञ भी इस हार पर अपनी-अपनी राय दे रहे हैं।  टीम इंडिया के कोच राहुल द्रविड का मानना है कि खिलाड़ियों को अनुभव के लिए बाहर की लीगों में खेलना चाहिए। कई विशेषज्ञ उनकी बात से सहमत हैं, जबकि कई लोग उनकी बात से इत्तेफाक नहीं रखते। ऐसे ही लोगों में टीम इंडिया के पूर्व कोच रवि शास्त्री

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By puneet sharma
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द्रविड़ के खिलाफ हुए Ravi Shastri.. राहुल ने की थी विदेश लीग में खेलने की वकालत, पूर्व हेड कोच बोले- क्या जरूरत है

टीम इंडिया को टी20 विश्व कप के सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा था। जिसके परिणामस्वरूप टीम इंडिया का आईसीसी ट्रॉफी के लिए इंतजार और लंबा हो गया। टीम इंडिया के विश्व कप नहीं जीत पाने के कारण खेलप्रेमी काफी निराश हैं। खेल विशेषज्ञ भी इस हार पर अपनी-अपनी राय दे रहे हैं। 

टीम इंडिया के कोच राहुल द्रविड का मानना है कि खिलाड़ियों को अनुभव के लिए बाहर की लीगों में खेलना चाहिए। कई विशेषज्ञ उनकी बात से सहमत हैं, जबकि कई लोग उनकी बात से इत्तेफाक नहीं रखते। ऐसे ही लोगों में टीम इंडिया के पूर्व कोच रवि शास्त्री भी शामिल हैं। उन्होंने द्रविड के बयान से असहमति जताई है। साथ ही उन्होंने टीम इंडिया के कोचिंग स्टाफ के बार-बार ब्रेक लेने पर भी सवाल उठाए। क्या कहा था द्रविड ने और क्या है इस मामले में शास्त्री की राय, आइए जानें।   

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पूर्व कोच रवि शास्त्री ने क्या दी अपनी राय? 

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टीम इंडिया के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने अमेजन प्राइम वीडियो से बात करते हुए कहा कि वो टीम इंडिया के कोच राहुल द्रविड के उस बयान से असहमत हैं कि टीम इंडिया के खिलाड़ियों को विदेशी लीगों में खेलना चाहिए। रवि शास्त्री ने कहा कि "भारतीय टीम के व्यस्त कार्यक्रम के दौरान कई विदेशी दौरे भी इसमें शामिल रहते हैं। इसके अलावा इंडिया A के भी कई विदेशी दौरे होते हैं, इसमें भी खिलाड़ियों को विदेशों में खेलने का काफी अनुभव मिलता है।" 

आगे पूर्व क्रिकेटर शास्त्री ने कहा कि "इसलिए विदेशी लीगों में इन खिलाड़ियों के खेलने का कोई औचित्य नहीं है। इससे टीम इंडिया को कोई खास लाभ नहीं होने वाला। इसके अलावा इन खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट भी खेलना पड़ता है, इसलिए अगर वो विदेशी लीग भी खेले तो उनकी जरूर व्यस्तता और भी बढ़ जाएंगी। अनुभव का लाभ भले ही हो न हो।" 

टीम इंडिया के दिग्गज आलराउंडर रहे रवि शास्त्री ने टीम इंडिया के कोचिंग स्टाफ द्वारा बार-बार ब्रेक लेने पर भी अपनी असहमति जताई। शास्त्री ने कहा कि ''मैं ब्रेक पर भरोसा नहीं करता। मैं कोच रहते हुए अपनी टीम और खिलाड़ियों को समझना चाहता ताकि चीजें मेरे कंट्रोल से बाहर न हो और सच कहूं तो आपको ब्रेक क्यों चाहिए। आपको आईपीएल के दौरान दो-तीन महीने का ब्रेक मिलता है। एक कोच के नाते इतना ब्रेक बहुत है। इसके अलावा बाकी समय कोच को हमेशा टीम के साथ रहना चाहिए चाहे वह जो भी हो।''

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सेमीफाइनल में हार के बाद क्या कहा था कोच राहुल द्रविड ने?

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इससे पूर्व सेमीफाइनल की हार के बाद टीम इंडिया के कोच राहुल द्रविड ने इस हार के लिए टीम इंडिया के खिलाड़ियों के विदेश में खेलने के अनुभव की कमी को जिम्मेदार ठहराया। राहुल द्रविड ने कहा कि "टीम इंडिया की हार के लिए हमारे खिलाड़ियों के विदेश में खेलने के अनुभव की कमी भी जिम्मेदार है।" 

दिग्गज बल्लेबाज रहे द्रविड ने आगे कहा कि "आप देखिए इंग्लैंड की जीत के नायक एलेक्स हेल्स का BBL में खेलने का अनुभव इंग्लैंड की जीत में काम आया। हमारे खिलाड़ी विदेशी लीगों में भाग नहीं लेते, इसलिए उन्हें इस तरह का अनुभव नहीं है। बीसीसीआई को खिलाड़ियों को विदेशी लीगों में शामिल होने देना चाहिए।"  

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