बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी की शुरुआत 9 फरवरी से हो रही है, 4 टेस्ट मैचों वाली इस सीरीज के रोमांचक होने की उम्मीद है। टीम इंडिया और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जाने वाली इस सीरीज का पहला मैच नागपुर के विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में खेला जाएगा। लेकिन इस सीरीज की शुरुआत हो, उससे पहले ही ऑस्ट्रेलिया को हार का डर सताने लगा है। इसी डर से ऑस्ट्रेलियाई मीडिया, खिलाड़ियों और विशेषज्ञों ने हार के बहाने ढूंढने शुरू कर दिए हैं। उन्होंने टीम इंडिया पर पिच से छेड़छाड़ करने के आरोप लगाए हैं।
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हार के डर से बौखलाए कंगारू
सीरीज की शुरुआत से पहले ही लग रहा है कि ऑस्ट्रेलियाई खेमा बौखला गया है। उन्हें अपनी हार का आभास हो गया है, इसीलिए उन्होंने टीम इंडिया पर पिच से छेड़छाड़ करने के आरोप लगाए हैं। नागपुर की पिच पर घास हटने के कारण उन्होंने आशंका जताई कि यह कदम टीम इंडिया के स्पिनरों को मदद देने के लिए उठाया गया है।
इस तरह का आरोप लगाने वालों में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के अलावा, पूर्व क्रिकेटर इयान हिली और मीडिया ग्रुप फॉक्स क्रिकेट भी शामिल है। इनका कहना है कि टीम इंडिया ने साजिश करके नागपुर की पिच से घास हटवाई है, ताकि इसका फायदा टीम इंडिया को मिल सके। लेकिन आरोप लगाते वक्त वो ये भूल गए कि अपने घरेलू मैदानों पर वो खुद अपने लिए मददगार पिचें बनाते हैं।
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स्टीव वॉ ने क्या कहा था
2000 में जब विजय रथ पर सवार ऑस्ट्रेलियाई टीम सभी टीमों को रौंदते हुए लगातार 16 मैच जीतकर भारत में सीरीज जीतने के इरादे से भारत आई थी, तब भी इस तरह पिच को लेकर सवाल उठने के बाद तत्कालीन कप्तान स्टीव वॉ ने बड़ा अच्छा बयान दिया था, इस समय आरोप लगाने वाले लोगों को उनका ये बयान जरूर सुनना चाहिए।
तब स्टीव वॉ ने कहा था कि "पिच बल्लेबाजों को मदद देने वाली हो, तेज गेंदबाजों को मदद देनी वाली या फिर टर्निंग ट्रैक। होगी तो दोनों टीमों के लिए एक सी ही न। दोनों टीमों के पास अच्छा प्रदर्शन करने का बराबर मौका होगा, पिच जैसी भी हो वो दोनों टीमों में भेदभाव नहीं करेगी। हमें पिच की चिंता नहीं करनी चाहिए, बल्कि खेल पर फोकस करना चाहिए। जैसी भी पिच हो, हमारा काम है अच्छा खेलना, हम वही करेंगे।"