ना सही टीम कॉम्बिनेशन, ना गेंदबाजी में धार, चोटिल होते खिलाड़ी, क्या ऐसे जीतेंगे वर्ल्ड कप

एक कहावत है ना, पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं, मतलब यह कि आगे चल कर ये बच्चा कैसा होगा, क्या बनेगा, जब वह छोटा होता है तभी उसमें उसका भविष्य दिखाई दे जाता है. अगर इसी बात को हम वर्तमान में रोहित शर्मा

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By Abhishek Kumar
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ना सही टीम कॉम्बिनेशन, ना गेंदबाजी में धार, चोटिल होते खिलाड़ी, क्या ऐसे जीतेंगे वर्ल्ड कप

एक कहावत है ना, पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं, मतलब यह कि आगे चल कर ये बच्चा कैसा होगा, क्या बनेगा, जब वह छोटा होता है तभी उसमें उसका भविष्य दिखाई दे जाता है. अगर इसी बात को हम वर्तमान में रोहित शर्मा की कप्तानी वाली टीम इंडिया से जोड़कर देखे तो यह उनपर बिल्कुल सटीक बैठता है.

टी-20 वर्ल्ड कप 2022 का आगाज 16 अक्टूबर से ऑस्ट्रेलिया में हो रहा है, जिसका सुपर 12 स्टेज मुकाबला 22 अक्टूबर से शुरू हो रहा है, 23 अक्टूबर को भारत का पहला मुकाबला मेलबर्न में पाकिस्तान के साथ होना है. इस विश्व कप का फाइनल मुकाबला 13 नवम्बर को खेला जाएगा.

ना परफेक्ट प्लेइंग 11, ना परफेक्ट स्क्वाड, और ना ही खत्म हुई एक्सपेरिमेंट

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रोहित शर्मा की कप्तानी में टीम इंडिया अब से महज कुछ ही दिनों बाद ऑस्ट्रेलिया में टी20 वर्ल्ड कप खेलने उतरेगी, लेकिन करोड़ों क्रिकेटप्रेमी के दिलों में बहुत सारे सवाल भरे पड़े हैं, इसमें हर किसी का पहला सवाल यही है कि क्या हम टी20 वर्ल्ड कप के प्रमुख दावेदार कहलाने योग्य भी है?

जी हां, बीते 6 महीने या साल भर की ही भारतीय टीम की तैयारियों पर नजर डाले, तो तब भी प्लेइंग 11 पर टीम मैनेजमेंट यही दलील देती थी, कि हम अभी एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं, जिस वजह से तरह-तरह के प्रयोग किए जा रहे हैं. तब सभी को यही लगा की हो सकता है, वर्ल्ड कप आने तक हमे अपना परफेक्ट प्लेइंग 11 और 15 सदस्यीय स्क्वाड पता चल जाएगी.

लेकिन आज सच्चाई यही है, कि अब तक भारतीय टीम मैनेजमेंट, कप्तान और कोच ने ना ही परफेक्ट प्लेइंग 11 बनाया है, और ना ही परफेक्ट और संतुलित स्क्वाड, इसमें कब कौन सा बदलाव हो जाए यह भी किसी को नहीं पता. और शायद आज भी मैनेजमेंट कोई एक्सपेरिमेंट ही कर रहा है.

कप्तान का पैनिक करना, गेंदबाजी में साझेदारी का टूटना, कैसे बनेंगे वर्ल्ड चैंपियन?

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वर्ल्ड कप के लिए भारत की घोषित हुई स्क्वाड में पहले तो रविन्द्र जडेजा का चोट के चलते इस स्क्वाड से दूरी बनाना, और फिर जसप्रीत बुमराह का चोटिल होकर स्क्वाड से बाहर हो जाना टीम के लिए बहुत बड़ा झटका है, वहीं बचे हुए गेंदबाजो के पास ना कोई लय है ना ही फॉर्म और ना ही 19वें ओवर का कोई जवाब.

कप्तान रोहित शर्मा की बात करे, तो बीते कुछ महीने में फील्ड पर इनका रवैया और मुश्किल परिस्थिति में पैनिक कर जाना, क्रिकेट फैन्स को और भी डराने जैसा है. वहीं इनका प्रयोग आज तक किसी को समझ नहीं आया, आखिर ये कैसा प्रयोग किया जा रहा है, भुवनेश्वर कुमार को शमी से अलग कर देना, चहल को कुलदीप से अलग कर देना और उमेश सिराज को अचानक से उठा कर वर्ल्ड कप के लिए तैयारी कराना, सच में किसी का भी सर चकरा जाए.

अब बताइए क्या ऐसी हालात में हम इस टीम से वर्ल्ड कप जीतने की उम्मीद करें, वैसे भारतीय होने के नाते बेशक हम तो यहीं कहेंगे कोई चमत्कार हो जाए, और भारत 15 साल का टी20 वर्ल्ड कप जीतने का सुखा खत्म करें, लेकिन वर्तमान की हालातो को भी हम नजरअंदाज तो नहीं ही कर सकते हैं.

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