FIFA WC 2022: मेसी या एम्बाप्पे के पास गोल्डन बूट जीतने का मौका, ये हैं गोल्डन बॉल और ग्लव जीतने के दावेदार

फीफा विश्वकप 2022 अब अपने निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। दो बार की विजेता अर्जेंटीना और गत चैंपियन फ्रांस के बीच रविवार को लुसैल स्टेडियम में फाइनल मुकाबला खेला जाएगा।

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By Rajat Gupta
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FIFA WC 2022: मेसी या एम्बाप्पे के पास गोल्डन बूट जीतने का मौका, ये हैं गोल्डन बॉल और ग्लव जीतने के दावेदार

FIFA World Cup 2022, Golden Boot, Golden Glove, Golden Ball: फीफा विश्वकप 2022 अब अपने निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। दो बार की विजेता अर्जेंटीना और गत चैंपियन फ्रांस के बीच रविवार को लुसैल स्टेडियम में फाइनल मुकाबला खेला जाएगा। पहले सेमीफाइनल में अर्जेंटीना ने क्रोएशिया को 3-0 तो दूसरे सेमीफाइनल में फ्रांस ने मोरक्को को 2-0 से मात दी थी। अर्जेंटीना ने साल 1978 और 1986 में खिताब अपने नाम किया था। वहीं, फ्रांस 1998 और 2018 में चैंपियन बना था। 18 दिसंबर को होने वाले फाइनल में दोनों टीमों की नजर ट्रॉफी उठाने पर होगी। इसके अलावा गोल्डन बूट, गोल्डन बॉल और गोल्डन ग्लव के लिए भी खिलाड़ियों के बीच रेस लगी हुई है। 

इस खिलाड़ी को मिलेगा गोल्डन बूट

टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा गोल दागने वाले खिलाड़ी को गोल्डन बूट दिया जाता है। इसके अलावा सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को गोल्डन बॉल अवॉर्ड मिलता है। विश्वकप के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर को गोल्डन ग्लव अवॉर्ड दिया जाता है। फीफा विश्वकप 2022 में अब तक खेले गए 62 मुकाबलों में 163 गोल हो चुके हैं। हालांकि गोल्डन बूट की रेस में लियोनल मेसी (अर्जेंटीना) और किलियन एमबाप्पे (फ्रांस) सबसे आगे हैं। दोनों ही प्लेयर ने अब तक 5-5 गोल दागे हैं। इस लिस्ट में 4-4 गोल के साथ ओलिवर जिरोड (फ्रांस) और जूलियन अल्वारेज (अर्जेंटीना) तीसरे और चौथे पायदान पर हैं। ऐसे में फाइनल में गोल्डन बूट की सूची में बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है। दोनों फाइनलिस्ट टीमों के प्लेयर ही टॉप-4 में हैं। 

 

अगर गोल बराबर हैं तो

टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा गोल दागने वाले खिलाड़ी को गोल्डन बूट अवॉर्ड दिया जाएगा। 1982 में ऑफिशियली इसे देने की शुरुआत हुई थी, तब से इसे गोल्डन शू के नाम से जाना जाता था। साल 2010 में इसका नाम बदलकर गोल्डन बूट कर दिया गया था। टूर्नामेंट में अगर 2 या इससे अधिक प्लेयर्स के गोल बराबर रहते हैं तो इस स्थिति में देखा जाएगा कि किस खिलाड़ी ने कितने गोल असिस्ट किए। अगर इनकी संख्या भी समान रहती है तब देखा जाएगा कि कौन सा प्लेयर कितने समय तक मैदान में रहा। अगर असिस्ट की बात करें तो मेसी ने तीन गोल करने में मदद की है वहीं एमबापे ने 2 गोल असिस्ट किए हैं। दूसरी ओर अर्जेंटीना के कप्तान ने मैदान पर 570 मिनट बिताए हैं तो फ्रांस के कप्तान किलियन एमबाप्पे 477 मिनट मैदान पर रहे हैं। 

FIFA WC 2022: टॉप गोल स्कोरर

  • लियोनल मेसी: अर्जेंटीना, 5 गोल
  • किलियन एमबाप्पे: फ्रांस, 5 गोल
  • ओलिवर जिरोड: फ्रांस, 4 गोल
  • जूलियन अल्वारेज: अर्जेंटीना, 4 गोल
  • कोडी गाप्को: नीदरलैंड, 3 गोल
  • मार्कस रैशफोर्ड: इंग्लैंड, 3 गोल
  • अल्वारो मोराता: स्पेन, 3 गोल

गोल्डन बॉल अवॉर्ड 

गोल्डन बॉल अवॉर्ड उस प्लेयर को मिलता है, जिसने पूरे टूर्नामेंट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया हो, यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे क्रिकेट में मैन ऑफ द सीरीज। इस अवॉर्ड की शुरुआत साल 1982 में हुई। गोल्डन बॉल के लिए खिलाड़ियों का सिलेक्शन फीफा की तकनीकी समिति करती है। इसके अलावा विजेता के लिए मीडिया के प्रतिनिधि वोट करते हैं। 1982 में पहली बार इटली के पाओलो रोसी को यह अवॉर्ड दिया गया था। इटली और अर्जेंटीना के खिलाड़ी दो-दो बार इस अवॉर्ड को जीत चुके हैं। 

  • साल 1982: पाओलो रोसी, इटली
  • साल 1986: डिएगो माराडेना, अर्जेंटीना
  • साल 1990: टोटो शिलाची, इटली
  • साल 1994: रोमारियो, ब्राजील
  • साल 1998: रोनाल्डो, ब्राजील
  • साल 2002: ओलिवर, जर्मनी
  • साल 2006: जिनेदिन जिदान, फ्रांस
  • साल 2010: डिएगो फोरलान, उरुग्वे
  • साल 2014: लियोनल मेसी, अर्जेंटीना
  • साल 2018: लुका मेड्रिक, क्रोएशिया

गोल्डन ग्लव अवॉर्ड

फीफा विश्वकप के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर को गोल्डन ग्लव अवॉर्ड दिया जाता है। इस बार टूर्नामेंट में क्रोएशिया के डोमिनिक लिवाकोविक, मोरक्को के यासिन बोनल और अर्जेंटीना के एमी मार्टिनेज का प्रदर्शन कमाल का रहा है। इटली और जर्मनी के प्लेयर ने 2-2 बार यह खिताब अपने नाम किया है। 

  • साल 1982: डिनो जोफ, इटली
  • साल 1986: जीन मारी फाफ, बोल्जियम
  • साल 1990: लुइस गैबलो कोनेजो, कोस्टा रिका और सर्जियो गोयकोचिया, अर्जेंटीना
  • साल 1994: माइकल प्रीडहोम, बेल्जियम
  • साल 1998: फैबियन बार्थेज, फ्रांस
  • साल 2002: ओलिवर, जर्मनी
  • साल 2006: गियानलुगी बुफोन, इटली
  • साल 2010: इकेर कैसिलास, स्पेन
  • साल 2014: मैनुअल नुएर, जर्मनी
  • साल 2018: थिबात कोर्टिस, बेल्जियम

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