एशिया कप 2022 - फिर टूटा पाकिस्तान का खिताब जीतने का सपना, श्रीलंका फिर बनी चैम्पियन

कहते हैं इतिहास खुद को दोहराता है, कल रात फिर से इस बात की पुष्टि हुई। इस एशिया कप 2022 प्रतियोगिता में भारत के बाहर होने के बाद अपने एशिया कप के खराब रिकॉर्ड के बावजूद खिताब की सबसे मज़बूत दावेदार मानी जा रही, पाकिस्तान का फाइनल में  मुकाबला था, अनुभवहीन होने  के कारण कमजोर मानी जा रही श्रीलंका से। लेकिन श्रीलंका ने उसे 23 रनों से हरा कर एशिया कप फिर अपने नाम कर लिया। श्रीलंका वही अनुभवहीन टीम जिसको प्रतियोगिता के पहले ही मैच में अफगानिस्तान के द्वारा बुरी तरह रौंद दिया गया था, और उस एकतरफा हार

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By puneet sharma
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एशिया कप 2022 - फिर टूटा पाकिस्तान का खिताब जीतने का सपना, श्रीलंका फिर बनी चैम्पियन

कहते हैं इतिहास खुद को दोहराता है, कल रात फिर से इस बात की पुष्टि हुई। इस एशिया कप 2022 प्रतियोगिता में भारत के बाहर होने के बाद अपने एशिया कप के खराब रिकॉर्ड के बावजूद खिताब की सबसे मज़बूत दावेदार मानी जा रही, पाकिस्तान का फाइनल में मुकाबला था, अनुभवहीन होने  के कारण कमजोर मानी जा रही श्रीलंका से। लेकिन श्रीलंका ने उसे 23 रनों से हराकर एशिया कप फिर अपने नाम कर लिया।

श्रीलंका वही अनुभवहीन टीम, जिसको प्रतियोगिता के पहले ही मैच में अफगानिस्तान के द्वारा बुरी तरह रौंद दिया गया था, और उस एकतरफा हार के बाद प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के होने और पिछले अच्छे रिकॉर्ड के बावजूद भी पूरी तरह से खारिज कर दिया गया। वही देश जो खराब हालातों के कारण अपने देख में एशिया कप नहीं करा पाया, और टूर्नामेंट को यूएई शिफ्ट करना पड़ा। उस श्रीलंका ने इतिहास को दोहराते हुए छठी बार एशिया कप जीत लिया।

पाकिस्तान ने श्रीलंका को पहले बल्लेबाजी का न्यौता दिया

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बाबर आज़म ने टॉस जीता और ये सोचकर कि उनके गेंदबाज श्रीलंका की अनुभवहीन बल्लेबाजी को सस्ते में समेट देंगे, पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। शुरुआत में उनका निर्णय सही भी साबित होता नजर आया। श्रीलंका के दोनों ओपनर कुशल मेंडिस, निशंका और फिर नम्बर 4 पर बल्लेबाजी करने आए गुणतिलका पाकिस्तानी गेंदबाज राउफ और नसीम शाह के सामने टिक नहीं सके और सस्ते में निबट गए। जिस कारण श्रीलंका संकट में फंसता नज़र आया और उसका उस समय स्कोर था 3 विकेट पर 36 रन।

फिर धनजंय डी सिल्वा का साथ देने आए राजपक्षे ने पार्टनरशिप बनाने की कोशिश की, लेकिन पहले डी सिल्वा और फिर कप्तान शनाका के लगातार आउट होने के बाद स्कोर पहुंच गया 5 विकेट पर 58 रन। लगा श्रीलंकाई टीम शायद ही 20 ओवर खेल पाए, और शायद ही सम्मानजनक स्कोर तक पहुंच पाए। क्योंकि राजपक्षे की रेपुटेशन ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करने की रही है, संभलकर खेलने की नहीं। कुछ ऐसी ही रेपुटेशन लिए उनका साथ निभाने आए हसरंगा। हसरंगा ने तो अपने अंदाज में ही ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की, लेकिन राजपक्षे अलग रंग में दिखे, उन्होंने अपनी रेपुटेशन के विपरीत थोड़ा संभल कर बल्लेबाजी की। दोनों ने मिलकर श्रीलंका को संकट से निकाला और एक अच्छे स्कोर की ओर ले गए।

तभी हसरंगा रनगति तेज करने के प्रयास में छठे विकेट के रूप में आउट हो गए। उस समय टीम का स्कोर था 116 रन। फिर बल्लेबाजी के लिए आए करुणारत्ने ने राजपक्षे का पूरा साथ दिया और दोनों ने निर्धारित 20 ओवर की समाप्ति पर स्कोर 170 रन तक पहुंचा दिया। पाकिस्तान के श्रीलंका को सस्ते में समेटने के मंसूबों पर पानी फिर गया। पाकिस्तान के लिए हारिस राउफ ने 3 विकेट लिए। नसीम शाह और हसनैन को छोड़कर सभी ने किफायती गेंदबाजी की।

पाकिस्तान की एक बार फिर लचर बल्लेबाजी

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क्रिकेट में कुछ भी निश्चित नहीं होता, लेकिन आजकल जो चीज निश्चित है, वो ये है कि बाबर आजम सस्ते में आउट होंगे और रिजवान रन तो बनाएंगे, मगर धीमी गति से। फाइनल में भी यही हुआ। और फिर फखर जमां को जमने का मौका ही नहीं मिला। और फिर बल्लेबाजी करने आए इफ्तिखार अहमद ने भी रिजवान की दिखाई राह पर चलने का फैसला किया, इसका असर ये हुआ कि पाकिस्तान के रन तो बनते रहे, लेकिन धीमी गति से।

और इसका नतीजा ये आया कि जब इफ्तिखार अहमद रनगति तेज करने के प्रयास में आउट हुए, तो फिर बल्लेबाजी करने आए बाकी बल्लेबाज मोहम्मद नवाज, आसिफ अली, खुशदिल, शादाब खान दबाब में विकेट देकर चले गए। राउफ, नसीम शाह के पास करने के लिए ज्यादा कुछ था भी नहीं। रिजवान ने अर्धशतक लगाया जरूर, लेकिन वो किसी काम का नहीं निकला। मोहम्मद हसनैन 8 रन पर अविजित रहे। श्रीलंका के लिए हसरंगा ने गेंद से भी अच्छा प्रदर्शन करते हुए 3 विकेट लिए। नए  खिलाड़ी मदुशन ने भी 4 विकेट अपने नाम किए। करुणारत्ने को 2 और महीश तीक्ष्णा  को 1 विकेट मिला।

कमजोर समझी जा रही श्रीलंका ने एशिया कप में पाकिस्तान को एक बार फिर पटखनी दे दी। इस जीत के साथ श्रीलंका ने छठी बार खिताब अपने नाम कर लिया। इस जीत के साथ वो सबसे सफल टीम भारत के और नजदीक पहुँच गई है, भारत ने ये खिताब 7 बार अपने नाम किया है। पाकिस्तान महज दो बार ही खिताब जीत सका है। इस मैच में अच्छी बल्लेबाजी के लिए भानुका राजपक्षे को मैन ऑफ द मैच चुना गया। जबकि पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करने वाले वानेन्दु हसरंगा को मैन ऑफ द सीरीज चुना गया। 

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